செவ்வாய், அக்டோபர் 25, 2011

avvaiyaar

भारत की  प्राचीन  भाषा हैं.तमिल.   इस भाषा के नीतिग्रन्थ युग युगांतर तक के लोगों के लिए अनुकरणीय आदर्श ग्रन्थ  है.इस भाषा के कवियों ने  सीधे ईश्वर के प्रतिनिधि बनकर  साक्षात भगवान के वर प्रसाद से रचना की है. ऐसे ईश्वर के वर प्राप्त kavyitri   है अव्वैयार.उनकी एक कविता देखिये:

सोचो मत कभी, किसी की मदद करें तो
उसका प्रति उपकार मिलेगा कि नहीं.
मिलेगा  उसका फल एक दिन.-कब और कैसे?

सींचे हो पानी जड़ पर,फल मिलते हैं ऊपर.जैसे

ऊंचे नारियल, जड़ के चूसी जलसे मधुर पानी देता है वैसे.
 {अर्थात हम जो भी मदद करें,वह कहीं कहीं किसी न किसी रूप में मिलेगा ही.}

நன்றி ஒருவருக்கு செய்தக்கால் அந்நன்றி
'என்று தருங்கொல் என வேண்டாம்.-நின்று
தளரா வளர் தெங்கு தானுண்ட  நீரைத
தலையாலே தான் தருதலால்.

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