புதன், ஜனவரி 25, 2012

mind =man (Hindi)

मन

मनुष्य
 का     मन    अद्भुत    विषय
  है .वह  उसको  काबू  में  नहीं  रखता.
विचारों  की    लहरें   मित्र     और    शत्रु
   बनाने   में समर्थ   होता   है.
उसे  काबू  में रख  ने  ध्यान , योग ,तपस्या , आदि  हमारें  पूर्वजों  की   देन
 है.
आधुनिक  देन   है  :- मधु ,स्त्री ,मनोरंजन ,सुंदरियां ,,अश्लीली  चित्रपट  न  जाने  क्या -क्या  होते  हैं.
. फिर  भी  मनुष्य  का  मन  चैन  का  मार्ग  नहीं अपनाता .
कारण   शान्ति   का    यह   दूसरा  मार्ग मनुष्य  को  दरिद्र   बनाता  है.
रोगी  बनाता  है. भिखारी  बनता  है.पागल  बनता  है.हत्यारा  बनाता  है.
न्याय   के   मार्ग से    दूर  भगाता   है.
मानसिक   शान्ति   का   एक   मात्र    साधन  है  आध्यात्मिक मार्ग.


mind

मन  चंगा तो कठौती  में गंगा गंगा कहा गया  है.आजकल तो गंगा भी मैली हो रही है.मनुष्य  मन
कलुषित है.मन स्वस्थ नहीं है.स्वार्थ से भरा हुवा है.वह ज़रा भी नहीं सोचता कि अंत होनेवाले
शरीर में इतने कुविचार उत्पन्न कर रहे हैं.मनो वेग वायु वेग से  बढ़ रहा है.आजकल के नेता देश की भलाई की
योज़ना को सही ढंग से कार्यान्वित करने घूस की प्रतीक्षा  में एक तो देरी करते हैं,नहीं तो योज़ना की घोषणा या बुनियाद पत्थर के साथ छोड़ देते है.