आज स्वतंत्र भारत में शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक असमानता के कारण अभिभावकों को अधिक
कष्टों का सामना करना पड़ता है.
विद्यालय प्रवेश =
प्रवेश परीक्षा =असफल छात्र=प्रवेश -कैसे?
सिफारिश/दान/
मतलब माता-पिता सिफारिश के लिए अपने जान-पहचान को तंग करते हैं . इनकार करनेपर जिसमें सिफारिश करने की क्षमता हैं,उनको नालायक या दुश्मन समझते हैं .रिश्तेदार में शत्रुता बढ़ती है .
फरवरी में ही प्रवेश -परीक्षा,परिणाम हो जाता है ,जिनमें सिफारिश करने की काबिलियत या अधिकार है,उनको
अपराधी के समान झूठ बोलना या छिपना पड़ता है ,
यह केवल उच्च शिक्षा के लिए है तो ठीक है .
L.K.G से पांचवीं कक्षा तक यह दशा दयनीय है,चिंताजनक है .
कष्टों का सामना करना पड़ता है.
विद्यालय प्रवेश =
प्रवेश परीक्षा =असफल छात्र=प्रवेश -कैसे?
सिफारिश/दान/
मतलब माता-पिता सिफारिश के लिए अपने जान-पहचान को तंग करते हैं . इनकार करनेपर जिसमें सिफारिश करने की क्षमता हैं,उनको नालायक या दुश्मन समझते हैं .रिश्तेदार में शत्रुता बढ़ती है .
फरवरी में ही प्रवेश -परीक्षा,परिणाम हो जाता है ,जिनमें सिफारिश करने की काबिलियत या अधिकार है,उनको
अपराधी के समान झूठ बोलना या छिपना पड़ता है ,
यह केवल उच्च शिक्षा के लिए है तो ठीक है .
L.K.G से पांचवीं कक्षा तक यह दशा दयनीय है,चिंताजनक है .