साठ साल पहले ,नहीं आजाद .
भारत माता की जय कहने पर मार/जेल .
वन्देमातरम कहने पर गोली का शिकार.
झालियाँ वाला बाग की निर्दयी हत्यायें .
जेल में सही शहीदों ने यातनाएं .
आज भूल गयी राजनीती स्वार्थ ,
भूल गए धार्मिक स्वार्थ ;
नक्सलवादी बढ़ा रहे हैं ,
क्या उनका उन्मूलन करने की शक्ति नहीं ,
आज वीर जवानों के प्राण ले
अपनी शक्ति दिखा रहे हैं ,स्वार्थ राजनीति के ओढ़ में ,
वीरों की मृत्यु तो सही ,
देश के बर्बादी सही ,पर न छोड़ेंगे स्वार्थ ;
इंदिरा का स्वार्थ उनको उनके बेटे के प्राण उड़ा दिए ;
आज राजीव के भक्षक साजिश की रिहाई में लोग;
तन ,मन ,धन ,प्राण , निज पारिवारिक सुख सब तज
जेल में ,अज्ञात वास में ,भटके शहीदों को भूल गए हम.
मुगलों द्वारा की गयी हत्याएं भूल ,
उनको अलग देश देने के बाद ,भारतीय धार्मिक परिवर्तित
भाइयों के लिए हम भाई चारे निभा रहें हैं ,
उनमें उवासी जैसे लोग धार्मिक कट्टरता बढ़ा रहे हैं ,
भारत माता कहना कैसे धार्मिक पता नहीं ,
हिन्द कहना विदेशी बात .
सह रहे हैं भारतवासी; खान गांधीजी वंशज लूट चुके हैं ,
धार्मिक स्वार्थता देश की एकता बिगाड़ने में तुला है;
टाकरे जैसे मिट्टी के पुत्र के नारे से प्रांतीय जोश बड़ा रहें है ,
वट्टल नागराज कन्नड़ में है तो सीमान तमिलनाडु में
आन्ध्र तो टुकड़े हो गए. एक ही मात्रु भाषी लड़ने में तुले हैं
साठ साल में कितने प्रांतीय दल ; राष्ट्रीय दल प्रांतीय दलों के अधीन ;
धीरे धीरे राष्ट्रीयता ओझल हो रहीं हैं ,
आब भूत के इतिहास सोचना हैं ,
विदेशियों से मुक्त देश ,अब स्वार्थ राजनीती ,
स्वार्थ धार्मिक नीति देश को टुकड़े कर देंगे ;
हमेशा याद रखना --देश की एकता;
भारत माता हमारी माता ;
आतंकवादियों और नक्सलियों का दमन देश भक्ति हो तो तुरंत दमन ;
खून बहाकर ,लिए आजादी को स्वार्थ के कारण बिगाड़ो मत;
धार्मिक अपने अपने मार्ग पर चलें ,
भारतवासी चलें एक ही मार्ग पर;
दबाना तुरंत प्रांतीय जोश भटकानेवालों को ,
दबाना तुरंत धार्मिक लड़ाई -झगड़ा छेड़ने वालों को .
शिक्षा में राष्ट्रीयता बढ़ानेवाले राष्ट्रीय इतिहास का एक पत्र
अनिवार्य स्थान देना है;
कहो भारत माता की जय ! कहो हिदुस्थान जिंदाबाद!
अपने अपने धर्म अपने अपने घर में ,
बाहर आओ तो बोलो
हिन्दू ,मुस्लिम ,सिक्ख ईसाई , आपस में है भाई भाई.
जय भारत ! जय हिन्द!