புதன், மார்ச் 30, 2016

பாரத மாதா வாழ்க .

साठ  साल  पहले ,नहीं  आजाद .
भारत माता की जय  कहने  पर मार/जेल .
वन्देमातरम  कहने पर  गोली  का शिकार.
झालियाँ वाला  बाग की निर्दयी  हत्यायें .
जेल  में सही शहीदों ने  यातनाएं .
आज  भूल गयी राजनीती स्वार्थ ,
भूल  गए  धार्मिक स्वार्थ ;
नक्सलवादी बढ़ा रहे हैं ,
क्या  उनका उन्मूलन  करने की शक्ति नहीं ,
आज  वीर जवानों  के प्राण ले 
अपनी शक्ति दिखा रहे हैं ,स्वार्थ राजनीति के ओढ़  में ,
वीरों की मृत्यु तो सही ,
देश के बर्बादी सही ,पर न छोड़ेंगे  स्वार्थ ;
इंदिरा का स्वार्थ  उनको उनके  बेटे के प्राण उड़ा दिए ;
आज राजीव  के भक्षक साजिश की रिहाई में लोग; 
तन ,मन ,धन ,प्राण , निज पारिवारिक सुख सब तज 
जेल में ,अज्ञात वास में ,भटके शहीदों को भूल  गए हम.
मुगलों  द्वारा की गयी हत्याएं भूल ,
उनको अलग देश देने के बाद ,भारतीय धार्मिक परिवर्तित 
भाइयों के लिए  हम भाई चारे निभा रहें  हैं ,
उनमें उवासी  जैसे  लोग धार्मिक कट्टरता बढ़ा रहे   हैं ,
भारत माता कहना कैसे धार्मिक पता  नहीं ,
हिन्द कहना विदेशी बात .
सह रहे हैं  भारतवासी; खान  गांधीजी वंशज लूट  चुके  हैं ,
धार्मिक स्वार्थता  देश की एकता बिगाड़ने में तुला है;
टाकरे   जैसे मिट्टी के पुत्र के नारे से प्रांतीय जोश बड़ा रहें है ,
वट्टल  नागराज  कन्नड़ में  है तो  सीमान तमिलनाडु में 
आन्ध्र तो टुकड़े हो गए.  एक ही मात्रु भाषी लड़ने में तुले हैं 
साठ  साल में कितने प्रांतीय दल ; राष्ट्रीय दल प्रांतीय दलों के अधीन ;
धीरे धीरे राष्ट्रीयता ओझल हो रहीं  हैं ,
आब भूत  के  इतिहास सोचना हैं ,
विदेशियों  से मुक्त देश ,अब स्वार्थ राजनीती ,
स्वार्थ धार्मिक नीति  देश  को टुकड़े कर देंगे ;
हमेशा याद  रखना --देश  की एकता;
भारत माता हमारी माता ;
आतंकवादियों और नक्सलियों का  दमन  देश भक्ति हो तो तुरंत दमन ;
खून बहाकर ,लिए आजादी को स्वार्थ के कारण बिगाड़ो मत;
धार्मिक अपने अपने मार्ग पर चलें ,
भारतवासी चलें एक ही मार्ग पर;
दबाना तुरंत प्रांतीय जोश भटकानेवालों को ,
दबाना तुरंत धार्मिक लड़ाई -झगड़ा छेड़ने वालों को .
शिक्षा  में राष्ट्रीयता बढ़ानेवाले  राष्ट्रीय इतिहास  का एक पत्र 
अनिवार्य स्थान देना है;
कहो  भारत  माता की जय ! कहो हिदुस्थान जिंदाबाद!
अपने अपने धर्म अपने अपने घर में ,
बाहर आओ तो बोलो 
हिन्दू ,मुस्लिम ,सिक्ख ईसाई , आपस में  है भाई भाई.
जय भारत ! जय हिन्द!