भारत है एक अद्भुत देश.
आजादी के बाद १९५० ई०. में मेरा जन्म हुआ.
हमें गांधी ,नेहरु ,कामराज ,तिलक, राजाजी आदर्श नेता लगे.
उम्र बड़ी फेरोज़ खान दामाद नेहरु के
सांसद में बोलते नेहरु के विरुद्ध .
तब हमें इंदिरा गांधी गांधी लगी ;
खान खानदानी का नाम भूल गए;
गाँधी परिवार अर्थात मोहनदास गांधी परिवार गायब .
गाँधी माने इंदिरा परिवार.
जातीयता दूर करने का नारा ,पर बनिया गांधी न छोड़ा.
व्यक्तिकता छोड़ो ; देश की भलाई सोचो ;
भूल गए खान गाँधी की बात;
नागरवाला ऐसे प्रकटे ,बिना चेक के बैंक में रूपये ले सकते हैं .
वह मुकद्दमा क्या हुआ पता नहीं ,नागरवाला ,मिश्रा ,कुछ पुलिस अफसर स्वर्ग सिधारे;
सोनार बंगला में इंदिरा की वीरता चमकी और सिक्ख ने उसकी हत्या की ;
कहते हैं पता नहीं ऐसे विरोधियों को खुद इंदिराजी ने दूध पिलाकर पाला था.
उनके बड़े पुत्र की मृत्यु ; शोक .
राजीव प्रकटे; आशा बंधी ; तब उनकी हत्या;
कहते हैं उस साजिश में कांग्रस भी है ;
पता नहीं ,आजादी बाघ को भी इंदिरा ने पाला है.
पर इंदिरा की नीति ऐसी थी प्रांतीय दलों की शक्ति बढी.
ठीक है ,देश की उन्नति चैन नगर के चार बेकार
सुदर्शन की कहानी की तरह बढ़ रही है.
अब तो देश की आजादी में किनका योगदान ?
गरम दल या नरम दल?
सुभाष की मृत्यु सहज या हत्या ?
नेहरु ने की या वायुयान दुर्घटना में?
आत्म हत्याएं होती तो पीछे राजनीती.
जिसकी मृत्यु हुयी ?उसके परिवारवालों की मनः स्थिति कैसी हैं ?
तमिलनाडु में विचित्र नीति ,अपराधिन नहीं या है पता नहीं,
आत्महत्याएं ,उनके प्रोत्साहन में दस लाख .
जीभ काटली तो जमीन .
ऐसे प्रोत्साहन ठीक नहीं, यह भी तो अपराध है.
जान सस्ती और राजनीती बन जाती है.
कई भूखों मरते हैं ,शहर में फुट पाथ में लाखों परिवार है
पर चुनाव बेनर ,कट अवुट,में करोड़ों रूपये .
चुनाव है तो काले धन चलता-फिरता है.
भ्रष्टाचार की बात तो लाखों करोड़ ;
पहाड़ का पहाड़ गायब.
नदी के रेत में लूट.
हिन्दू तीस हज़ार की मूर्ति बनाकर समुद्र में विसर्जन करते हैं ,
कई प्राचीन बड़े -बड़े मंदिरों में दीप जलाने तेल खरीदने पैसे नहीं .
आश्रमों में हज़ारों करोड़ .
पर बड़े बड़े अद्भत शिल्पकला के मंदिर धुल धूसरित उजड़े हालत में.
सुन्दर गणेश मूर्ति तमिलनाडु में मात्र ६००० .
औसत एक मूर्ति ५००० है तो देखिये कितने रूपये समुद्र में बेकार;
नए मंदिर बनते हैं ,पुराने मंदिर जैसे शिल्पकला नहीं ;
इन रुपयों से पुराने मंदिर को ठीक करें तो यात्रियों की संख्या बढती.
आज की हर खबर सही या गलत की यथार्थता जानना मुश्किल.
हत्या हुयी तो समर्थन और असमर्थन.
युवक तो चुप; निर्णय तो बूढ़े.
भारत देश है अद्भुत ; एकता नहीं एकता ; विकास नहीं विकास;
भ्रष्टाचार नहीं ,भ्रष्टाचार.
भारत है अद्भुत देश;
एक ईश्वरीय शक्ति के अधीन ,
द्रोहियों आतंकवादियों का दमन ;
देश का विकास .
भारत है मेरा अद्भुत देश.
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