तमिल के भक्त कवी अरुणगिरिनाथर अपने प्रारम्भिक यवानावस्था में वेश्यागमन के कारण तीव्र रुग्णावस्था में पड गये।
जीवन से हतोत्साह होकर आत्म-हत्या करने
जीवन से हतोत्साह होकर आत्म-हत्या करने
तिरुवन्नामलै मंदिर के गोपुर से कूदे तो
भगवान ने उन्हें बचाया और ज्ञान का सन्देश दिया। उसके बाद उन्होंने कई भक्ति के ग्रन्थ लिखे .
उनमे यह कन्दरनुभूति प्रसिद्ध है.
भगवान ने उन्हें बचाया और ज्ञान का सन्देश दिया। उसके बाद उन्होंने कई भक्ति के ग्रन्थ लिखे .
उनमे यह कन्दरनुभूति प्रसिद्ध है.
வளை பட்ட கை மாதொடு மக்கள் எனும்
தளைபட்டு அழியத் தகுமோ தகுமோ
கிளைபட்டு எழுசூர் உரமும் கிரியும்
தொலை பட்டு உருவத்தொடு வேலவனே!
हे कार्तिक!
अपने नाते-रिश्ते के सहित ,
अपने नाते-रिश्ते के सहित ,
आया था असुर सूर्पद्मन!
तूने अपने शूल से
तूने अपने शूल से
उसको और क्रौंच गिरी को
टुकड़े किये थे।-
लेकिन मेरा विनाश
चूड़ियाँ पहनीं
नारियों के बंधन में
टुकड़े किये थे।-
लेकिन मेरा विनाश
चूड़ियाँ पहनीं
नारियों के बंधन में
हो रहा है!!
ऐसा विनाश होना उचित है किया!
ऐसा विनाश होना उचित है किया!
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