मन
मनुष्य
का मन अद्भुत विषय
है .वह उसको काबू में नहीं रखता.
है .वह उसको काबू में नहीं रखता.
विचारों की लहरें मित्र और शत्रु
बनाने में समर्थ होता है.
बनाने में समर्थ होता है.
उसे काबू में रख ने ध्यान , योग ,तपस्या , आदि हमारें पूर्वजों की देन
है.
है.
आधुनिक देन है :- मधु ,स्त्री ,मनोरंजन ,सुंदरियां ,,अश्लीली चित्रपट न जाने क्या -क्या होते हैं.
. फिर भी मनुष्य का मन चैन का मार्ग नहीं अपनाता .
. फिर भी मनुष्य का मन चैन का मार्ग नहीं अपनाता .
कारण शान्ति का यह दूसरा मार्ग मनुष्य को दरिद्र बनाता है.
रोगी बनाता है. भिखारी बनता है.पागल बनता है.हत्यारा बनाता है.
न्याय के मार्ग से दूर भगाता है.
न्याय के मार्ग से दूर भगाता है.
मानसिक शान्ति का एक मात्र साधन है आध्यात्मिक मार्ग.
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