रामलिंग अडिकल तमिल भाषा के प्रसिद्ध कवि थे.
उनका मार्ग शुद्ध समरस सन्मार्ग है.वे भगवान् मुरुगन अर्थात
कार्तिकेय के अनन्य भक्त है.
उनका प्रसिद्ध काव्य ग्रन्थ है -तिरु अरुटपा.
उनकी प्रार्थना है:-
एकाग्र चित से तेरे ध्यान में मग्न
भक्त का रिश्ता चाहिए मुझे.
मन में एक बात ,बाहर एक कहने वाले का
नाता नहीं चाहिए मुझे.
तेरे श्रेष्ठ यशोगान बोलना चाहिए
,कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए,
ज्ञान चाहिए.तेरी करुणा निधि चाहिए.
नीरोग जीवन जीना चाहिए.
दुखप्रद कामिनी का मोह नहीं चाहिए.
हमेशा तेरी याद मन में चाहिए.
धर्म क्षेत्र चेन्नई में कन्द कोट्टममें
स्थित कार्तिकेय !
तेरा मुख पवित्र है.शैव रूप है,
तेरे षन्मुख है.देव शिरोमणि है.
उनका मार्ग शुद्ध समरस सन्मार्ग है.वे भगवान् मुरुगन अर्थात
कार्तिकेय के अनन्य भक्त है.
उनका प्रसिद्ध काव्य ग्रन्थ है -तिरु अरुटपा.
उनकी प्रार्थना है:-
एकाग्र चित से तेरे ध्यान में मग्न
भक्त का रिश्ता चाहिए मुझे.
मन में एक बात ,बाहर एक कहने वाले का
नाता नहीं चाहिए मुझे.
तेरे श्रेष्ठ यशोगान बोलना चाहिए
,कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए,
ज्ञान चाहिए.तेरी करुणा निधि चाहिए.
नीरोग जीवन जीना चाहिए.
दुखप्रद कामिनी का मोह नहीं चाहिए.
हमेशा तेरी याद मन में चाहिए.
धर्म क्षेत्र चेन्नई में कन्द कोट्टममें
स्थित कार्तिकेय !
तेरा मुख पवित्र है.शैव रूप है,
तेरे षन्मुख है.देव शिरोमणि है.
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